दोस्तों माँ कायनात में खुदा का दिया हुआ सबसे कीमती और खूबसूरत तोहफा है ,माँ अहसास है न की हवा का झोका है वो खुशनसीब होते है जिनके साथ माँ है या जिन्हे माँ का प्यार मिला है माँ अपना सबकुछ न्योछावर कर देती है अपने बच्चों की ख़ुशी के खातिर हमारा भी फ़र्ज़ बनता है की जब हमारी माँ को हमारी सबसे ज्यादा जरुरत हो तो हम हमेशा उनके साथ खड़े पाए माँ के लिए सब को छोड़ देना पर किसी के लिए" माँ " को मत छोड़ना ये वो खुदा है जो हमें दुनिया में लाती है और हमें चलना, बोलना सब कुछ सिखाती है खुद गीले बिस्तर पर सोती है और हमें सूखे में सुलाती है दोस्तों आपसे विनती है कभी भी अपनी माँ का दिल न दुखाना । आज हम "Shayri Dil Se'' में अपने दिल से निकली हुई ये शायरी आपके साथ शेयर कर रहे है जो आशा करते है आपको जरूर पसंद आएगी ।।
अपनी मजबूरी को छुपाकर हमें पाला है
माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या काला है ।
अपने माथे की शिकन छुपाकर भी हमें पाला है
माँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ की तरफ कभी मैंने देखा था माँ की आँखों में जाला है
माँ ने फिर भी मुस्कुराकर हमारी ख़ुशी के लिए सब टाला है
माँ भेद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ ने जिंदगी भर जो कुछ जोड़ा था वो अपने बच्चों को दे डाला है
जिंदगी भर कमाती रही बच्चो के लिए तब जाकर उनका पेट पाला है
माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या फिर काला है
माँ कायनात है जन्नत है हमारी आँखों का उजाला है
,माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या काला ।।
माँ के लिए शायरी
खुदा से पहले जिसे मानु वो माँ है मेरी,
चली जाये न मुझे छोड़कर वो जान है मेरी
खुदा अगर दे मुझे कुछ तो माँ के लिए ही मांग लूँ
जो खुवाइशे रह गई माँ की वो पहले माँ से जान लूँ
वो माँ है जो माथे की शिकन हमसे छुपाती है
गमो का ढेर रखती है सीने में मगर सबसे छुपाती है
अपने बच्चो की आँखों में आंसू देखकर माँ तिलमिला जाती है
कलेजा तक चीर कर रख देगी अगर बच्चों पर आंच आती है
अपने बच्चो कोदुखी देखकर माँ खूब रोती है
हमेशा खुश रहे बच्चे मेरे हमेशा यही सोचती है
मांगा है खुदा से सारी जिंदगी माँ ने हमारे लिए
आज अगर खुदा दे मुझे तो मैं भी माँ के लिए मांग लू ।।
माँ के लिए बनी ये शायरी
अपनी मजबूरी को छुपाकर हमें पाला है
माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या काला है ।
अपने माथे की शिकन छुपाकर भी हमें पाला है
माँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ की तरफ कभी मैंने देखा था माँ की आँखों में जाला है
माँ ने फिर भी मुस्कुराकर हमारी ख़ुशी के लिए सब टाला है
माँ भेद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ ने जिंदगी भर जो कुछ जोड़ा था वो अपने बच्चों को दे डाला है
जिंदगी भर कमाती रही बच्चो के लिए तब जाकर उनका पेट पाला है
माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या फिर काला है
माँ कायनात है जन्नत है हमारी आँखों का उजाला है
,माँ भेद नहीं करती बेटा गोरा है या काला ।।
माँ के लिए शायरी
खुदा से पहले जिसे मानु वो माँ है मेरी,
चली जाये न मुझे छोड़कर वो जान है मेरी
खुदा अगर दे मुझे कुछ तो माँ के लिए ही मांग लूँ
जो खुवाइशे रह गई माँ की वो पहले माँ से जान लूँ
वो माँ है जो माथे की शिकन हमसे छुपाती है
गमो का ढेर रखती है सीने में मगर सबसे छुपाती है
अपने बच्चो की आँखों में आंसू देखकर माँ तिलमिला जाती है
कलेजा तक चीर कर रख देगी अगर बच्चों पर आंच आती है
अपने बच्चो कोदुखी देखकर माँ खूब रोती है
हमेशा खुश रहे बच्चे मेरे हमेशा यही सोचती है
मांगा है खुदा से सारी जिंदगी माँ ने हमारे लिए
आज अगर खुदा दे मुझे तो मैं भी माँ के लिए मांग लू ।।
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