1 पाना है मजिल को अगर तो तन्हा चला करो ऐ दोस्त
लूट लेते है हमसफर ही अक्सर रास्ते में ।
उनकी दुआओं के बिना हमारी जिंदगी अधूरी है ।
खुसी का दिन और हंसी की शाम दे देना
जब वो देखे तुझे बहार आके,
उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना तो ।
4 कसूर तो था इन इन निगाहों का ,जो चुपके से दीदार कर बैठी
हमने तो खामोश रहने की ठान राखी थी ,पर बेवफा ये जुबान इजहार कर बैठी ।
5 हमे भी याद रखना जब लिखो ,तारीख ऐ वफ़ा की
के लुटाया है हमने भी सकून इश्क़ में अपना भी ।
6 हर साये की हुआ करती है क़द्र उसके खो जाने पर
तुम उन्हें याद करोगे एक दिन ,जो अभी तुम याद नहीं
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हड्डियों का रस पिलाकर अपने दिल के चैन को
कितनी ही रातों को खली पेट सो जाती है माँ ।
8 हाँ मुझे रस्म ऐ मोहब्बत का सलीखा ही नहीं
जा किसी और का होने की इजाजत है तुझे ।
9 मेरी लाख बुराइयों को जानते हुए भी मझसे बेइंतिहां मोहब्बत
करने वाला सिर्फ मेरा ' रब 'है ।
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे
10 खुद से मोहब्बत कर ले मैं तो बेवफा भी नहीं हूँ ||
11 कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता ,किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता
आखरी बार देख लो इस चेहरे को ,क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता ।।
12 अब कोई नहीं आएगा जिंदगी में तुम्हारे सिवा
हां एक बस मौंत ही है जिसका मैं वडा नहीं करता।।
13 ऐ मेरे दिल मत कर तू इतनी मोहब्बत किसी से ,इश्क़ का दर्द तू सह नहीं पायेगा
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा तू अपनों के ही हाथों से ,किसने तोडा है ये भी कह नहीं पायेगा । ।
14 हमें पता था की तेरी मोहब्बत के जाम में जहर है
लेकिन तूने इतने प्यार से पिलाया हमको हम ठुकरा भी नहीं पाए ।।
लूट लेते है हमसफर ही अक्सर रास्ते में ।
माँ बाप की शायरी
2 अदा कर हमारे माँ -बाप को उम्र ए दराज़ ऐ खुदाउनकी दुआओं के बिना हमारी जिंदगी अधूरी है ।
दिलबर की शायरी
3 ऐ चाँद तुम उनको मेरा पैगाम दे देनाखुसी का दिन और हंसी की शाम दे देना
जब वो देखे तुझे बहार आके,
उनको मेरी तरफ से ईद मुबारक कह देना तो ।
4 कसूर तो था इन इन निगाहों का ,जो चुपके से दीदार कर बैठी
हमने तो खामोश रहने की ठान राखी थी ,पर बेवफा ये जुबान इजहार कर बैठी ।
5 हमे भी याद रखना जब लिखो ,तारीख ऐ वफ़ा की
के लुटाया है हमने भी सकून इश्क़ में अपना भी ।
6 हर साये की हुआ करती है क़द्र उसके खो जाने पर
तुम उन्हें याद करोगे एक दिन ,जो अभी तुम याद नहीं
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माँ की शायरी
7 बच्चा तो छाती पर है और गीले में सो जातीहै( माँहड्डियों का रस पिलाकर अपने दिल के चैन को
कितनी ही रातों को खली पेट सो जाती है माँ ।
8 हाँ मुझे रस्म ऐ मोहब्बत का सलीखा ही नहीं
जा किसी और का होने की इजाजत है तुझे ।
9 मेरी लाख बुराइयों को जानते हुए भी मझसे बेइंतिहां मोहब्बत
करने वाला सिर्फ मेरा ' रब 'है ।
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे
10 खुद से मोहब्बत कर ले मैं तो बेवफा भी नहीं हूँ ||
11 कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता ,किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता
आखरी बार देख लो इस चेहरे को ,क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता ।।
12 अब कोई नहीं आएगा जिंदगी में तुम्हारे सिवा
हां एक बस मौंत ही है जिसका मैं वडा नहीं करता।।
13 ऐ मेरे दिल मत कर तू इतनी मोहब्बत किसी से ,इश्क़ का दर्द तू सह नहीं पायेगा
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा तू अपनों के ही हाथों से ,किसने तोडा है ये भी कह नहीं पायेगा । ।
14 हमें पता था की तेरी मोहब्बत के जाम में जहर है
लेकिन तूने इतने प्यार से पिलाया हमको हम ठुकरा भी नहीं पाए ।।
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