1 हर तरफ है घटाए जरा हवा तो चले ,जिंदगी है क्या चीज़ जरा पता तो चले
जो सजा दी है तूने इस मुनासिफ हैहमें मगर सजा दी किस बात की है पता तो चले । ।
२ मेरी जरुरत और मेरी ख्वाईस दोनों तुम ही हो
अगर खुदा ने चाहा तो मेरी एक ख्वाइश तो जरूर पूरी होगी । ।
3 मत पूछों उस आईने से उसके टूट जाने की वजय
जरूर उसने भी किसी पत्थर से दिल लगाया होगा । ।
4 कोई खुद से भी प्यारा होता है ,कोई दर्दे दिल का सहारा होता है
जरुरी नहीं है जिंदगी सिर्फ अपने लिए ही प्यारी हो कोई जिंदगी से भी प्यारा होता है । ।
5 बागों में फूलों की खुशबू संग हो ,सूरज की पहली किरण में सातों रंग हो
6 दुनिया ख़त्म हुई और फासले सिमट से गए ,कितना खुशनुमा हो गया ये जहां
जितना आप करीब आते गए हमारी रूह में आप जैसे जैसे समाते गए ।।
7 वो निकल जाता है कमाने सुबह और रात को आता है लौटकर
जबतक खुद पर न आये बाप की मेहनत औलाद कोकहाँ समझ आती है ।।
8 युहीं नहीं उसका स्थान ईश्वर के बाद होता है \
पिता की डांट मार में भी उसका आशीर्वाद होता है ।।
9 साथ निभाने वाले ने बहुत साथ दिया ,खाक करने वालों ने बहुत ख़ाक किया
चलो ये तो सब ठीक है मुझे ये तो बताओ मेरे अपने चाहने वाले ने क्यूं राख किया ।।
10 तुम किसी की जीने की वजय बन सकते हो, मुश्किल है पर कोशिश किया करो
जब जहां मौका मिले वक्त बेवक़त जरा सा मुस्कुरा दिया करो ।।
11 मुझे क्या मालूम था की मौंत के बाद मिलनी थी तेरी मोहब्बत
मै तो खामखां जिंदगीभर तुझसे मोहब्बत की भीख मांगता रहा। ।
12 वो मुझे अपनाये या न अपनाये ये मर्जी है उसकी
लेकिन मेरा नाम से वो बदनाम तो होगा ||
13 निसानी बताऊं क्या मै तुझे अपने घर की
जहा की गालिया उदास सी लगे वही कही मेरा ठिकाना होगा ।।
14 दोस्तों को दौलत की निगाह से मत देखो जनाब जेब
वफ़ा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब ही हुआ करते है ।।
15 जेब खाली हो फिर भी मना नहीं करते
देखा मैंने पिता से अमीर इंसान नहीं देखा । ।
16 मजबुरी का भी एक अलग ही नजारा दिखा दिया कभी जान छिड़कते थे हमपे
आज छोटी सी गलती क्या हुई हमें बेगाना बना दिया ।
।
17 मेरी कामयाबी को देखकर हैरान है बहुत से लोग
मगर मेरे पाँव में छालेनहीं देखे किसी ने ।।
18 मेरी साँसों में समाया भी बहुत लगता है
लेकिन क्यों वो शक्श पराया भी बहुत लगता है ।।
19 हमारी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे लोग कभी
लेकिन अब हमारी नफरतों के चर्चे ज्यादा सुनाई देते है ।।
20 गुस्ताख़ दिल ये फूलों से इंकार कर बैठा
मंजिल की तलाश में बेखबर सफर से ही प्यार कर बैठा ।।
जो सजा दी है तूने इस मुनासिफ हैहमें मगर सजा दी किस बात की है पता तो चले । ।
२ मेरी जरुरत और मेरी ख्वाईस दोनों तुम ही हो
अगर खुदा ने चाहा तो मेरी एक ख्वाइश तो जरूर पूरी होगी । ।
3 मत पूछों उस आईने से उसके टूट जाने की वजय
जरूर उसने भी किसी पत्थर से दिल लगाया होगा । ।
4 कोई खुद से भी प्यारा होता है ,कोई दर्दे दिल का सहारा होता है
जरुरी नहीं है जिंदगी सिर्फ अपने लिए ही प्यारी हो कोई जिंदगी से भी प्यारा होता है । ।
5 बागों में फूलों की खुशबू संग हो ,सूरज की पहली किरण में सातों रंग हो
आप जब भी कोले अपनी पलकों को उसमे दुनिया की सारीखुशियों के रंग हो ।।
जितना आप करीब आते गए हमारी रूह में आप जैसे जैसे समाते गए ।।
7 वो निकल जाता है कमाने सुबह और रात को आता है लौटकर
जबतक खुद पर न आये बाप की मेहनत औलाद कोकहाँ समझ आती है ।।
8 युहीं नहीं उसका स्थान ईश्वर के बाद होता है \
पिता की डांट मार में भी उसका आशीर्वाद होता है ।।
9 साथ निभाने वाले ने बहुत साथ दिया ,खाक करने वालों ने बहुत ख़ाक किया
चलो ये तो सब ठीक है मुझे ये तो बताओ मेरे अपने चाहने वाले ने क्यूं राख किया ।।
10 तुम किसी की जीने की वजय बन सकते हो, मुश्किल है पर कोशिश किया करो
जब जहां मौका मिले वक्त बेवक़त जरा सा मुस्कुरा दिया करो ।।
11 मुझे क्या मालूम था की मौंत के बाद मिलनी थी तेरी मोहब्बत
मै तो खामखां जिंदगीभर तुझसे मोहब्बत की भीख मांगता रहा। ।
12 वो मुझे अपनाये या न अपनाये ये मर्जी है उसकी
लेकिन मेरा नाम से वो बदनाम तो होगा ||
13 निसानी बताऊं क्या मै तुझे अपने घर की
जहा की गालिया उदास सी लगे वही कही मेरा ठिकाना होगा ।।
14 दोस्तों को दौलत की निगाह से मत देखो जनाब जेब
वफ़ा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब ही हुआ करते है ।।
15 जेब खाली हो फिर भी मना नहीं करते
देखा मैंने पिता से अमीर इंसान नहीं देखा । ।
16 मजबुरी का भी एक अलग ही नजारा दिखा दिया कभी जान छिड़कते थे हमपे
आज छोटी सी गलती क्या हुई हमें बेगाना बना दिया ।
।
17 मेरी कामयाबी को देखकर हैरान है बहुत से लोग
मगर मेरे पाँव में छालेनहीं देखे किसी ने ।।
18 मेरी साँसों में समाया भी बहुत लगता है
लेकिन क्यों वो शक्श पराया भी बहुत लगता है ।।
19 हमारी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे लोग कभी
लेकिन अब हमारी नफरतों के चर्चे ज्यादा सुनाई देते है ।।
20 गुस्ताख़ दिल ये फूलों से इंकार कर बैठा
मंजिल की तलाश में बेखबर सफर से ही प्यार कर बैठा ।।
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