माँ के ऊपर बनी ये शायरी ,बेवफा की शायरी,माँ की शायरी लव की शायरी ,

माँ के ऊपर बनी ये शायरी ,बेवफा की शायरी,माँ की शायरी  लव की शायरी  ,

शायरी जो दिल से निकले और दिल को ही छू जाये 



तेरे  नाम मेरी जुबाँ पे पहली बार तब आया जब मैंने पहला शब्द बोला माँ
तेरी सूरत दुनिया में सबसे प्यारी है, तुझे देखकर मेरी थकान  सब मिट जाती है माँ ।।

जब तक  तेरी ममता की मूरत इस दुनिया में रहेगी कोई मंदिर ,मस्जिद की कमी नहीं
गर तू न रहे तो ये सारा संसार वीरान हो जाये  क्योकि ये दुनिया तेरे ऊपर ही आजतक टिकी रही ।।


   तेरी ऊगली ने मुझे चलना सिखाया तेरी सूरत ने बोलना
  खता क्या  हो गई है मुझसे ये भेद खोल न माँ  मैं तो
तेरी आँख का तारा था  न माँ ,और तू तो टूटते तारे से दुआ
मांगती थी न, आज तेरा तारा फिर टूट गया फिर दुआ मांग न माँ ।।


तेरी गोदी में लेटकर दुनिया का सारा डर  भूल जाता था  मैं
आज डर तो और  भी ज्यादा है पर तेरी गोद  नहीं है डर भुलाने को ।।



       जब मां डांट रही थी तो कोई चुपके से हंस रहा था
           वो कोई और नहीं था वो मेरे पापा ही था ।।


      माँ  ने कहा  रो मत मेरे बच्चे मुसीबत के दिन गुजर जायेगे
     देखना तू तेरी हंसी उड़ने वालों के चेहरे भी एक दिन उतर जायेंगे ।



न जाने खुदा ने क्या सोचा होगा जो माँ को बनाया  माँ की गोद का मजा लेने तो खुदा,खुद भी जमीं पर आया
माँ के पहलु में सब दुःख भूल जाते है वो एक सिर्फ माँ है जो मरकर भी अपनी ओलाद के साथ रहती है बनकर उसका साया ||


                     माँ की कीमत वक्त रहते पहचान लो
                      वरना न तुम्हारा वक्त रहेगा न कीमत होगी \\


                अपना कलेजा निकाल देती है माँ, जब बच्चों की बात आती है
                   खुद भूखी रहकर भी यही दिखाती है, तुम खाओ बेटा मैंने तो खा लिया ।।
                     

                  क्या माँ जैसी कायनात में और है कोई, जो अपना नहीं अपने बच्चे का ही सोचती है
                                और एक औलाद है ऐसी भी जो माँ की नहीं सिर्फ अपनी ही सोचता है  \\ 


                            एक बेटा दगा दे देता है अपनी माँ को
                           मगर एक बेटी परछाई बन कर साथ निभाती है अपनी माँ का
             





           रिश्तों की डोर तब कमजोर हो जाती है जब इंसान गलत फहमी में
                   पैदा होने वाले सवालों के जवाब  भी खुद ही बना लेता है ।। 


                         बड़ी इबादत से पूछा था मैंने खुदा से जन्नत का पता
                           तो अपनी गोद से उतारकर   खुदा ने माँ की गोद में हमें दाल दिया 



          मेरी माँ ने मुझे एक ही बात सिखाई है
         बेटा कोई हाथ से छीनकर  ले जा सकता है
         पर नसीब से कोई नहीं ।।

       न जाने कैसी नजर लगी ज़माने की
     अब वजय नहीं मिलती मुस्कुराने की 


           भीड़ में भी सीने से लगा के दूध पीला देती है
           अगर बच्चा भूख होरो माँ शर्म को भी भुला देती है ।।



             कभी मत कहिये की मेरी माँ मेरे साथ रहती है
              हमेशा ये कहिये की मै  हमेशा माँ के साथ रहता हु । ।


          लोग कहते है की मोहब्बत इतनी करो की की दिल पर स्वर हो जाये
         पर हम तो यही कहते है की मोहब्बत इतनी करो की बेवफा को भी प्यार हो जाये   ।\

     
       मेरी चाहत का इस तरीके से मजाक न बना
      कही कल तेरी  आँख न तरस जाये मुझे देखने के लिए ।\ 


       


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