heart touching emotional friendship shayari- in hindi
pyaar kiya to pyar karna bhi shikh gaye,
प्यार किया तो प्यार करना भी सीख गए ,
पहले लड़ते नहीं थे दुनिया से अब लड़ना भी सीख़ गए
पहले जीते थे हम खुद के लिए ,
अब इसक का मंजर ही ऐसा है की उस कातिल के लिए मरना भी सीख़ गए
प्यार किया सदा एक तरफ़ा हमने तुमसे ,
पर कभी समझ नहीं पाया की प्यार नहीं करना था तुमसे
ये अहसास नहीं था प्यार के दर्द का मुझे ,
वरना क्या ये दर्द इतनी आसानी से मैं ले लेता तुमसे |
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नजरों से ही नजरों का दीदार करते हो ,
हम पूछते है क्या सच में हमसे ही प्यार करते हो
कभी अपने लबों से तो दो शब्द बोले तो होते जालिम ,
या युहीं इशारों में ही प्यार करते हो |
तुझे पाने के लिए हम कयामत तक लड़ेंगे ,
इसक किया है तुमसे तुम्हे पाकर ही रहेंगे ,
ज़माने से क्या डरना है मुझे मैंने तो इसक किया है,
, अपने आप को तुझपर लुटा कर रहेंगे ।
तेरी याद आज भी दिल से लगाए बैठा हु ,
तेरी तस्वीर को अपने सीने में छुपाये बैठा हूँ ,
कभी तो दीदार होगा तेरा हमको ,
ये आस मैं बरसों से लगाए बैठा हूँ ।
लोग कहते है की इश्क़ करना बुरा है ,
हम लोगों से पूछे की तुमने इश्क़ किया है क्या ,
तो जवाब आता है नहीं, तो क्यों इश्क़ पर कीचड़ उछलते है लोग,
ये बात हमारी समझ में नहीं आई आजतक ।
इश्क़ किया है और निभाना भी चाहता हु ,
तुझे आपने बनाना भी चाहता हु,
तू रूठ न जाए मेरी छोटी सी गलती से,
मुददत से जो ख्वाइश थी उसे जताना भी चाहता हूँ ।
इश्क़ ऐसा मीठा सा जहर है मेरे दोस्तों ,
जिसे पी लिया तो न जिओगे और न मर पाओगे ।
mai tujhe chahti rahi is kadar or tu garon ki bahon me najar aaya mutje
मैं तुझे चाहती रही इस कदर और तू गैरों की बाँहों में नजर आया मुझे ,
मेरा दर्द मै बयान नहीं कर सकती ओ जालिम किस कदर लुटा तूने मुझे ।
par shayad ye moka hi nahi mil paya hame
तेरी बेवफाई का गम न उठाया गया हमसे ,
बेवफि हमने की ये इलज़ाम भी लगाया गया हमपे ,
हम तो साबित कर भी देते तेरा झूठा ये आरोप ,
पर शायद ये मौका ही नहीं मिल पाया हमें
मैने इश्क़ किया था उससे और निभाने की भी कसम खाई थी ,
लेकिन कुछ मजबूरी ऐसी थी की मैं अपनी कसम निभा न पाई थी ।
ishq ki duniya hi ek alag si duniya hai ishq me sab kuch achha lagta hai .dosto agar kisi se aapko bhi mohbbat hai or aapka sanam aapse rutha hai to aap hamaari" shayri dil se"me aakar dekhe hum aapke liye dil se nikli hui shayri lekar aaye hai jo aapke or aapke ruthe hue mahboob ko mana legi
pyaar kiya to pyar karna bhi shikh gaye,
pahle ladte nahi the duniya se ab ladna bhi sikh gaye
pahle jite the hum khud ke liye ,
ab isk ka manjar hi esa hai ki us katil ke liye marna bhi sikh gaye
प्यार किया तो प्यार करना भी सीख गए ,
पहले लड़ते नहीं थे दुनिया से अब लड़ना भी सीख़ गए
पहले जीते थे हम खुद के लिए ,
अब इसक का मंजर ही ऐसा है की उस कातिल के लिए मरना भी सीख़ गए
pyaar kiya sada ek tarfa hamne tumse ,par kabhi samjh a kar paya ki payar nahi karna tha tumse ye ahsaas nahi tha payar ke dard ka mujhe ,varna kya ye dard itni aasani se mai le leta tumse |
प्यार किया सदा एक तरफ़ा हमने तुमसे ,
पर कभी समझ नहीं पाया की प्यार नहीं करना था तुमसे
ये अहसास नहीं था प्यार के दर्द का मुझे ,
वरना क्या ये दर्द इतनी आसानी से मैं ले लेता तुमसे |
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Love shayri
najron se hi najron ka didar karte ho ,hum puchte hai kya sach me hamse hi pyar karte ho kabhi apne labon se to do shabd bole to hote jalim, ya yuhin isharon me hi praar karte ho |
नजरों से ही नजरों का दीदार करते हो ,
हम पूछते है क्या सच में हमसे ही प्यार करते हो
कभी अपने लबों से तो दो शब्द बोले तो होते जालिम ,
या युहीं इशारों में ही प्यार करते हो |
tujhe paane ke liye hum kyamat tak ladenge ,isk kiya hai tumse tumhe pakar hi rahenge jamane se kya darna hai mujhe maine to isk kiya hai, apne aap ko tujhpar luta kar rahenge
तुझे पाने के लिए हम कयामत तक लड़ेंगे ,
इसक किया है तुमसे तुम्हे पाकर ही रहेंगे ,
ज़माने से क्या डरना है मुझे मैंने तो इसक किया है,
, अपने आप को तुझपर लुटा कर रहेंगे ।
yaad shayri
teri yad aaj bhi dil se lagaye baitha hu , teri tasbir ko apne seene me chupaye baitha hun kabhi to didar hoga tera hamko ,ye aas mai barson se lagaye baitha hun
तेरी याद आज भी दिल से लगाए बैठा हु ,
तेरी तस्वीर को अपने सीने में छुपाये बैठा हूँ ,
कभी तो दीदार होगा तेरा हमको ,
ये आस मैं बरसों से लगाए बैठा हूँ ।
tu kya jaane teri judaai ne kya kya na jakhm diye hamko,
jiye bhi to is kadar jiye ye samjhkar
ki kuch to dekar gaya hawo ishq me hamko
तू क्या जाने तेरी जुदाई ने क्या क्या न जख्म दिए हमको ,
जिए भी तो इस कदर जिए , ये समझकर ,
की कुछ तो देकर गया है वो इश्क़ में हमको
तू क्या जाने तेरी जुदाई ने क्या क्या न जख्म दिए हमको ,
जिए भी तो इस कदर जिए , ये समझकर ,
की कुछ तो देकर गया है वो इश्क़ में हमको
ishq shayri,love shayri
log kahte hai ki ishq karna bura hai, hum logon se puche ki tumne ishq kiya hai kya to jawab aata hai nahi to kyun ishq par kichad uchalte hai log ye baat hamaari samjh me nahi aai aajtak|
लोग कहते है की इश्क़ करना बुरा है ,
हम लोगों से पूछे की तुमने इश्क़ किया है क्या ,
तो जवाब आता है नहीं, तो क्यों इश्क़ पर कीचड़ उछलते है लोग,
ये बात हमारी समझ में नहीं आई आजतक ।
ishq kiya hai or nibhana bhi chahta hu ,tujhe aapna bnana bhi chahta hu tu ruth na jaayemeri chiti si galti se ,mudat se jo khwaish thi use jataana bhi chahta hun
इश्क़ किया है और निभाना भी चाहता हु ,
तुझे आपने बनाना भी चाहता हु,
तू रूठ न जाए मेरी छोटी सी गलती से,
मुददत से जो ख्वाइश थी उसे जताना भी चाहता हूँ ।
ishq esa meetha sa jahar hai mere doston,
jise pi liya to na jioge or na mar paoge
इश्क़ ऐसा मीठा सा जहर है मेरे दोस्तों ,
जिसे पी लिया तो न जिओगे और न मर पाओगे ।
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mai tujhe chahti rahi is kadar or tu garon ki bahon me najar aaya mutje
mera dard mai byan nahi kar sakti o jalim kis kadar luta tune mujhe
मैं तुझे चाहती रही इस कदर और तू गैरों की बाँहों में नजर आया मुझे ,
मेरा दर्द मै बयान नहीं कर सकती ओ जालिम किस कदर लुटा तूने मुझे ।
teri bewfai ka gam na uthaya gaya hamse,
bewafi hamne ki ye ilzaam bhi lagaaya gaya hampe
hum to saabit kar bhi dete tera jhutha ye aarop ,
par shayad ye moka hi nahi mil paya hame
तेरी बेवफाई का गम न उठाया गया हमसे ,
बेवफि हमने की ये इलज़ाम भी लगाया गया हमपे ,
हम तो साबित कर भी देते तेरा झूठा ये आरोप ,
पर शायद ये मौका ही नहीं मिल पाया हमें
maine ishaq kiya tha usse or nibhaane ki bhi kasam khai thi,
lekin kuch majboori esi thi ki mai apni kasam nibha na paai thi
मैने इश्क़ किया था उससे और निभाने की भी कसम खाई थी ,
लेकिन कुछ मजबूरी ऐसी थी की मैं अपनी कसम निभा न पाई थी ।
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