khubsurat pyar bhari shayari-In hindi
जो बात हम अपने मुँह से नहीं बोल पाते अपने प्रिये या अपनी प्रियतमा को वो हम khubsurat pyar bhari shayariअपने शब्दों में लिखकर ब्यान कर सकते है | ऐसी कुछ मशहूर कवियों की शायरी हम लेकर आये है "शायरी दिल से" में जो आपके दिल को छू लेगी ।।
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही खयालो में खोये रहते है,
पता नहीं कब दिन कब रात होती है।
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल
जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।
-मिर्जा ग़ालिब
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं
बहुत अजीब होता है कमबख्त इश्क का खेल
कोई एक भी थक जाये तो दोनों हार जाते हैं
ख्वाहिशों से भरा पड़ा है मेरा घर इस कदर
रिश्ते जरा-सी जगह को तरसते हैं।
-गुलज़ार
मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा न बने
और तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं!
छोड़ दिया मैंने अपने दिल का साथ,
प्यार ने थाम लिया है तनहाई का हाथ।
इतना तो गुरूर है मुझे आज
भले अहसासों ने छोड़ा, तनहाई न होगी मेरे साथ
mohabbat shayari 4 lines
सिर्फ एक सफ़ाह
पलटकर उसने,
बीती बातों की दुहाई दी है।
फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी
रिहाई दी है।
-गुलज़ार
khubsurat pyar bhari shayari-In hindi
बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया
मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया।
-मुनव्वर राणा
मेरे बारे में कोई राय मत बनाना ग़ालिब,
मेरा वक्त भी बदलेगा तेरी राय भी...!
एक आंसू भी
हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं
आंखों का समुंदर होना
-मुनव्वर राणा
अब नए लोग मिल गए तो हमारी कोई औकात नहीं रही
कोई नहीं याद करता वफा करने वालो को यहाँ
मेरी मानो बेवफा हो जाओं जमाना याद रखेगा
mohabbat ki shero shayari
जब कोई नहीं था तो बहुत अनमोल थे हम
नए लोग मिल गए तो हमारी कोई औकात नहीं रही
कोई नहीं याद करता वफा करने वालो को यहाँ
मेरी मानो बेवफा हो जाओं जमाना याद रखेगा
कौन कहता है की वो मेरे बिना खुश है
जरा उनके सामने मेरा नाम ले कर देखो
फासलों से अगर जीना सीख सकते हो तुम
तो तुम्हे इजाजत है हम से दूरियाँ बनाने की
हमें हिंदी शायरी का शौक कहाँ था
हम तो लिखते हैं फकत अन्दाज तेरे
तेरे इश्क में दीवानी हूँ
तू है समां मैं तेरी परवानी हूँ
ऐ समंदर इश्क की गहराई को न नाप तोल
तसव्वर में यार को रख और जा डूबता जा
बहुत अजीब होता है कमबख्त इश्क का खेल
कोई एक भी थक जाये तो दोनों हार जाते हैं
फासले तो बढा रहे हो मगर इतना याद रखना
के मोहब्बत बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती
सुनो तोबाह करलो अब तो मेरी शायरी से
जितना पढते जाओगे उतना मुझपे मरते जाओगे
बहोत करली तेरे हुस्न पे शायरी हमने
अब तेरे करतूतों पे किताब लिखूंगा मैं
मेरे लफ्जों की तबियत शायद आज ठीक नहीं
आज आप ही कोई शायरी दिल से सुना दो ।
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कौन कहता हैकी वो मेरे बिना खुश है
जरा उनके सामने मेरा नाम लेकर तो देखो
फासलों से अगर जीना सीख सकते हो तुम
तो तुम्हे इजाजतहै हम से दूरियाँ करने की।
जो बात हम अपने मुँह से नहीं बोल पाते अपने प्रिये या अपनी प्रियतमा को वो हम khubsurat pyar bhari shayariअपने शब्दों में लिखकर ब्यान कर सकते है | ऐसी कुछ मशहूर कवियों की शायरी हम लेकर आये है "शायरी दिल से" में जो आपके दिल को छू लेगी ।।
ज़ब खामोश आँखों से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही खयालो में खोये रहते है,
पता नहीं कब दिन कब रात होती है।
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल
जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।
-मिर्जा ग़ालिब
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं
बहुत अजीब होता है कमबख्त इश्क का खेल
कोई एक भी थक जाये तो दोनों हार जाते हैं
ख्वाहिशों से भरा पड़ा है मेरा घर इस कदर
रिश्ते जरा-सी जगह को तरसते हैं।
-गुलज़ार
मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा न बने
और तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं!
छोड़ दिया मैंने अपने दिल का साथ,
प्यार ने थाम लिया है तनहाई का हाथ।
इतना तो गुरूर है मुझे आज
भले अहसासों ने छोड़ा, तनहाई न होगी मेरे साथ
mohabbat shayari 4 lines
mohabbat ki shero shayari |
सिर्फ एक सफ़ाह
पलटकर उसने,
बीती बातों की दुहाई दी है।
फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी
रिहाई दी है।
-गुलज़ार
khubsurat pyar bhari shayari-In hindi
बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया
मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया।
-मुनव्वर राणा
मेरे बारे में कोई राय मत बनाना ग़ालिब,
मेरा वक्त भी बदलेगा तेरी राय भी...!
एक आंसू भी
हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं
आंखों का समुंदर होना
-मुनव्वर राणा
जब कोई नहीं था तेरी जिंदगी में तो बहुत अनमोल थे हम
अब नए लोग मिल गए तो हमारी कोई औकात नहीं रही
कोई नहीं याद करता वफा करने वालो को यहाँ
मेरी मानो बेवफा हो जाओं जमाना याद रखेगा
mohabbat ki shero shayari
mohabbat bhari shayari hindi me |
जब कोई नहीं था तो बहुत अनमोल थे हम
नए लोग मिल गए तो हमारी कोई औकात नहीं रही
कोई नहीं याद करता वफा करने वालो को यहाँ
मेरी मानो बेवफा हो जाओं जमाना याद रखेगा
कौन कहता है की वो मेरे बिना खुश है
जरा उनके सामने मेरा नाम ले कर देखो
फासलों से अगर जीना सीख सकते हो तुम
तो तुम्हे इजाजत है हम से दूरियाँ बनाने की
हमें हिंदी शायरी का शौक कहाँ था
हम तो लिखते हैं फकत अन्दाज तेरे
तेरे इश्क में दीवानी हूँ
तू है समां मैं तेरी परवानी हूँ
ऐ समंदर इश्क की गहराई को न नाप तोल
तसव्वर में यार को रख और जा डूबता जा
बहुत अजीब होता है कमबख्त इश्क का खेल
कोई एक भी थक जाये तो दोनों हार जाते हैं
pyar bhari shayari in hindi 140 |
लोग कहते है की मोहब्बत इतनी करो की दिल पर सवार हो जाये
पर हम तो यही कहते है की मोहब्बत इतनी करो की बेवफा को भी प्यार हो जाये ।\
मेरी चाहत का इस तरीके से मजाक न बना
कही कल तेरी आँख न तरस जाये मुझे देखने के लिए ।\
फासले तो बढा रहे हो मगर इतना याद रखना
के मोहब्बत बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती
सुनो तोबाह करलो अब तो मेरी शायरी से
जितना पढते जाओगे उतना मुझपे मरते जाओगे
बहोत करली तेरे हुस्न पे शायरी हमने
अब तेरे करतूतों पे किताब लिखूंगा मैं
मेरे लफ्जों की तबियत शायद आज ठीक नहीं
आज आप ही कोई शायरी दिल से सुना दो ।
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कौन कहता हैकी वो मेरे बिना खुश है
जरा उनके सामने मेरा नाम लेकर तो देखो
फासलों से अगर जीना सीख सकते हो तुम
तो तुम्हे इजाजतहै हम से दूरियाँ करने की।
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